IAF vs PAF a comparison of prowess

नई दिल्ली। 1971 के युद्ध में पाकिस्तानी वायुसेना भारतीय वायुसेना के सामने महज दो दिन टिक पाई थी और भारत ने जंग आसानी से जीत ली। मगर आज जंग छिड़ जाए तो स्थितियां भारतीय वायुसेना के लिए इतनी आसान नहीं होने वाली। पिछले कुछ सालों में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी वायुसेना पर अपनी संख्यात्मक, प्रहारात्मक एवं रणनीतिक बढ़त गंवा दी है जो दशकों से इसके पास थी।

यह खुलासा हुआ है रक्षा मंत्रालय के खुफिया विभाग की एक रिपोर्ट से, यह रिपोर्ट बताती है कि किस तरह आधुनिकिकरण और विकास योजनाओं के कि र्यान्वयन में देरी के चलते हम पाकिस्तान से पिछड़ते चले गए। आज पाकिस्तानी वायुसेना दुनिया की सातवीं सबसे बड़ी वायुसेना है, और उसके वायुसैनिक बेहद प्रशिक्षित एंव पेशेवर माने जाते हैं। हालांकि भारतीय वायुसेना अभी भी पाकिस्तानी वायुसेना से ज्यादा मजबूत है लेकिन अगर जल्द ही भारत सरकार ने इस दिशा में कड़े कदम नहीं उठाए तो 2015 तक पाकिस्तान हमारी बराबरी कर लेगा।

कैसे पिछड़ा भारत

पी.ए.एफ में स्क्वॉड्रनों की संख्या जहां 19 से बढ़कर 26 हो गई वहीं आई.ए.एफ में स्क्वॉड्रनों की संख्या 34 से घटकर 31.5 रह गई है।

पी.ए.एफ अपने बेड़े में नए एफ 16 लड़ाकू विमान शामिल कर चुका है और जल्द ही दृश्य सीमा के परे (बियोंड विशुअल रेंज) हथियारों को भी अपने बेड़े में शामिल करने जा रहा है। इससे पहले पाकिस्तानी वायुसेना की सबसे बड़ी कमजोरी दृश्य सीमा के परे प्रहार न कर सकने की क्षमता रही है। इसके अलावा उसे जल्द ही जेएफ-17 एवं एफ-10 विमान भी मिलने वाले हैं।

भारत के पास जहां मात्र 3 अवाक्स अरली वार्निग विमान हैं वहीं पाकिस्तान जल्द ही इस तरह के 8 नए विमान हासिल करने जा रहा है। जिनमें से 4 स्वीडन और 4 चीन से आएंगे।

भारत क ो मिड एयर रिफ्यूलिंग सिस्टम के रूप में जो बढत हासिल थी वो भी जल्द खत्म होने वाली है, क्योंकि पाकिस्तान रूस से जेएल 78-एन मिड एयर रिफ्यूलिंग विमान हासिल करने जा रहा है।

यही नहीं पाकिस्तान इटली से भी 25 जासूसी ड्रोन खरीदने जा रहा है। आई.ए.एफ के रडारों को भी पाकिस्तान के नए एंटी रेडिएशन हथियारों से खतरा है।

पाकिस्तान की सत्ता पर सेना का हमेशा दबदबा रहा है, इसके चलते आधुनिकिकरण और खरीद की किसी भी योजना पर अमल आसान रहा। वहीं 9-11 हमले के बाद पाकिस्तान क ो पश्चिमी देशों के सहयोग और आर्थिक मदद में कई गुना इजाफा हुआ, जिसका इस्तेमाल उसने अपनी सैन्य क्षमता बढाने में किया।

वहीं दूसरी ओर भारतीय वायुसेना की आधुनिकिकरण योजनाएं लालफीताशाही, भ्रष्टाचार और राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के चलते रेंगती रहीं। मिग 21 के स्थान लेने वाले तेजस को बनने में 20 साल लग गए, वहीं पाकिस्तान और चीन की संयुक्त परियोजना जेएफ-17 उससे कहीं जल्दी पूरा हो गया। मदर ऑफ ऑल डील्स के 126 मल्टी कॉम्बेट विमान किस से खरीदे जाएंगे अभी तक यही तय नहीं हो पाया है, जबकि वायुसेना ने 10 साल पहले इन विमानों की तुरत आवश्यकता बताई थी।

क्या होगा अगर जंग छिड़ी तो

रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यदि आज भारत और पाकिस्तान के बीच जंग छिड़ती है तो पाकिस्तान अपने क्षेत्र में रहकर ही मुकाबला करेगा और ऎसे में उसके सरफेस टू एयर मिसाइल और नई रडार प्रणाली हम पर भारी पड़ेगी। ऎसी कोई भी जंग रसद आपूर्ती और राजनीतिक कारणों के चलते दो हफ्ते से ज्यादा नहीं चलेगी और ऎसे में पाकिस्तान की अपेक्षाकृ त छोटी वायुसेना भी बराबरी से मुकाबला करेगी।

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