Computer's loosing to Ipads and Iphones

आईपैड और आईफोन से पिछड़ा कम्प्यूटर
जयपुर। बदलते वक्त के साथ लोग भी आधुनिक हो रहे हैं। नए आयाम छूती टेक्नॉलजी के कारण आज हर नई चीज बहुत जल्द पुरानी हो रही है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है दुनिया भर में पर्सनल कम्प्यूटरों की मांग में कमी आना। गार्टनर इंफोरमेशन टेक्नॉलजी रिसर्च के अनुसार 2011 में 387.8 मिलियन कम्प्यूटरों की बिक्री होगी, जोकि गार्टनर द्वारा पहले लगाए गए अनुमानों से 15.9 प्रतिशत कम है। ग्राहकों में पर्सनल कम्प्यूटरों के प्रति घटते उत्साह को इसके लिए जिम्मेदार माना जा रहा है।

इस घटे उत्साह का बड़ा कारण हैं स्मार्टफोन्स और टेबलेट पीसी का आगमन। पर्सनल कम्प्यूटरों का मुख्य उपयोग इंटरनेट एक्सेस करने और ऑफिस के रोजाना के कामों के लिए किया जाता था मगर आज लगभग हर स्मार्टफोन और टेबलेट पीसी में यह सारी सुविधाएं मौजूद हैं। 3जी और वाई-फाई के चलते आप कहीं भी हों इंटरनेट आसानी से एक्सेस कर सकते हैं। यह आकार में छोटे और वजन में हल्के होते हैं और जिसके चलते आप इन्हें कहीं भी ले जा सकते हैं।

युवाओं के लिए तो ये गैजेट्स किसी वरदान से कम नहीं, उनकी तो सारी दुनिया इन गैजेट्स में समाई होती है, चैट, सोशल नेटवर्किग, पढ़ाई, जॉब सर्च और न जाने क्या-क्या और इन सबसे बढ़कर ये उन्हें भीड़ से अलग एक पहचान देते हैं। गार्टनर के एक अनुमान के मुताबिक 2011 में 54.8 मिलियन टेबलेट बिकने की संभावना है, जबकी 2010 में यह आंकड़ा 19.5 मिलियन था। यही नहीं, 2014 तक ये आंकड़ा 208 मिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है।

टेबलेट पीसी मार्केट का सबसे बड़ा खिलाड़ी है एपल, एपल ने 2010 में आईपैड के लांच के पहले दिन ही करीब 3 लाख यूनिट बेची थीं। लेकिन एक साल बाद ही मार्च 2011 में एपल ने अपने ही रिकार्ड को बेहतर किया जब लांच के पहले ही दिन आईपैड-2 की 5 लाख यूनिट बिकीं।


2011 में अब तक 12 मिलियन आईपैड बिक चुके हैं और साल के अंत तक ये आंकड़ा 40 मिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है। वैसे अब टेबलेट पीसी मार्केट में मुकाबला बढ़ता जा रहा है, सैमसंग का गैलेक्सी टैब, मोटोरोला का जूम और हाल ही में लांच हुआ ब्लैकबैरी का प्लेबुक जिसकी पहले दिन 50 हजार यूनिट बिकीं थीं, आने वाले समय में एपल को कड़ी टक्कर देने वाली हैं।

यह है भारत की तस्वीर

भारत एक उभरता हुआ बाजार है और किसी भी नई तकनीकी खोज क ो यहां पहुंचने में ज्यादा समय नहीं लगता, पर एपल रहस्यमयी रूप से भारत के साथ सौतेला व्यवहार करता आया है।


एपल आईपैड आधिकारिक रूप से भारत में 28 जनवरी 2011 को लांच हुआ जबकि अमरीका में यह 10 महीने पहले आ चुका था। आईपैड-2 भी, जो अमरीका में मार्च 2011 में लांच किया गया था अभी तक भारत में लांच नहीं हुआ है। कुछ यही हाल आईफोन के साथ भी हुआ, आईफोन-4 भी अभी तक भारत में लांच नहीं हुआ है जबकी एपल आईफोन-5 लांच करने की तैयारी मे है।

हालांकि माडर्न गैजेट्स के दीवाने या तो इन्हें ग्रे मार्केट से खरीदते हैं या अमरीका में अपने रिश्तेदारों से मंगवाते हैं, जो 100 प्रतिशत परफार्मेस नहीं देते हैं। ब्लैकबैरी और सैमसंग जैसी बड़ी और कुछ अन्य छोटी कंपनियां भी भारतीय बाजार में हैं लेकिन अभी भी पूरे मार्केट पोटेंशियल का उपयोग नहीं हो पा रहा है।

No comments: