How US Stealth Choppers fled undetected from Pakistan


पाक में ही रिफ्युल हुए थे अमरीकी स्टेल्थ हेलीकाप्टर!

लाहौर। अमरीका द्वारा पाकिस्तान के एबटाबाद में ओसामा बिन लादेन को मारने के लिए चलाए गए ऑपरेशन जेरोनिमो को बारे में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। इस मामले की जांच कर रहे पाकिस्तानी वायुसेना के जांच आयोग का मानना है कि हमले में प्रयुक्त स्टेल्थ हेलिकॉप्टरों का पाकिस्तानी धरती से दोबारा इंधन भरे बिना वापस लौट जाना मुमकिन नहीं था।

पाकिस्तानी अखबार द नेशन ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि यह जांच आयोग अपनी रिर्पोट संकलन के अंतिम दौर में है। आयोग का मानना है कि 2 मई की रात पाकिस्तानी वायुसेना की रडार प्रणाली और अन्य निगरानी प्रणालियां पूरी तरह क्रियाशील थीं और वायुसेना की ओर से सतर्कता में किसी तरह की चूक नही हुई है। इस ऑपरेशन में अमरीका द्वारा नवीनतम स्टेल्थ तकनीक वाले हेलिकाप्टर इस्तेमाल किए गए जो दुनिया के किसी रडार द्वारा पकड़े नहीं जा सकते थे।

यही नहीं अमरीकी हेलिकाप्टरों ने अफगानिस्तान के जलालाबाद से पाकिस्तान के एबटाबाद तक का सफर पहाडियों और तंग घाटियों के बीच से तय किया इस लिए भी उन्हें पकड़ा नहीं जा सका। यह रास्ता करीब 250 किमी का था जबकि मानक उड़ान पथ करीब 195 किमी का होता। यहां तक कि जिस दौरान अमरीकी नेवी सील्स एबटाबाद में ओसामा के घर के अंदर ऑपरेशन को अंजाम दे रहे थे तब भी इन हेलिकाप्टरों के इंजन चालू रहे। स्टेल्थ तकनीक वाले हेलिकाप्टर बिना दोबारा इंधन भरे इतनी देर तक उड़ान नहीं भर सकते। हालांकि ये हेलिकाप्टर हवा में ही दोबारा इंधन भर सकते हैं लेकिन पहाड़ी और तंग घाटियों वाले रास्ते में ये मुमकिन नही था। इसलिए कयास लगाए जा रहे हैं कि इन्हें पाकिस्तानी धरती पर ही कहीं रिफ्यूल किया गया होगा।

रिर्पोट आगे कहती है कि अगर उस रात एक हेलिकाप्टर में खराबी नहीं आती और नेवी सील्स उसे तबाह करने के लिए धमाका नहीं करते तो शायद दुनिया को इस हमले की पहली जानकारी ओबामा के बयान से ही मिलती। उस रात पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कियानी ने 2 बजकर 7 मिनट पर वायुसेना प्रमुख को हमले की जानकारी दी, 18 मिनट बाद 2 बजकर 25 मिनट पर पाकिस्तानी लड़ाकू विमान एबटाबाद के आकाश में थे लेकिन तब तक अमरीकी हेलिकाप्टर अपना काम करके लौट चुके थे।

क्या हैं स्टेल्थ हेलिकाप्टर

2 मई के हमले में प्रयुक्त हेलिकाप्टर के टेल रोटर का डिजाईन पहले कभी नहीं देखा गया है, विशेषज्ञों का मानना है की इस अनोखे डिजाईन से ये बहुत कम शोर उत्पन्न करते होंगे। इसके अलावा ये हेलिकाप्टर विशेष तौर पर विकसित सामग्री से बनाए जाते हैं जो रडार तरंगों को अवशोषित कर लेती है, इनपर जो पेंट किया जाता है वो भी रडार तरंगों को विभिन्न दिशाओं में परावर्तित कर देता है। इसी वजह से रडार इन्हें नहीं पकड़ पाए।

इस तरह के हेलिकाप्टर इससे पहले कभी नहीं देखे गए हैं और अगर उस दिन 4 में से एक हेलिकाप्टर में खराबी नहीं आई होती तो इनके बारे में कभी पता नहीं चलता। ऑपरेशन के बाद जब ये हेलिकाप्टर उड़ नहीं सका तो नेवी सील्स ने तुरंत इसे नष्ट करने का फैसला लिया और इसे बम से उड़ा दिया क्योंकि अमरीकी ये नहीं चाहते थे की ये तकनीक किसी और के हाथ पड़े परंतु इसकी टेल असेंबली बच गई जिसको देखकर ही दुनिया को इन हेलीकॉप्टरों के बारे में पता चला।

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