Slumdog ki jeet

आज हम सब बड़े खुश हैं, और हों भी क्यों न ? स्लुम्दोग मिलिनेअर के आठ आस्कर जीतने पर हम बल्लियों उचल रहे हैं. क्यों, क्या रहमान पहले महान संगीतकार नही थे? या हमें गुलज़ार की प्रतिभा पर संदेह था ?सच तो ये है की हम कभी गुलामी की मानसिकता से उबर नही पाए हैं. आस्कर जीतना निसंदेह बड़ी उपलब्धि है,परन्तु गुलज़ार और रहमान सदा से महान गीतकार और संगीतकार थे, उन्होंने इससे भी अच्छा पहले रचा है.सच तो ये है की क्योंकि स्लुम्दोग मिलिनाएर हॉलीवुड में रचित है इसलिए ये पुरूस्कार इन्हे मिले हैं. भारतीय सिनेमा सदा से महान कृतियाँ रचता आया है, गुरुदत्त, राजकपूर की फिल्में विश्व सिनेमा की धरोहरें हैं और इसके लिए हमें किसी सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं है. इस सारे उन्माद के बीच इस्माईल पिंकी को लोग भुला बेठे जो विशुद्ध भारतीय रचना है .

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